मैनिट में संस्कृत भारती का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषय पर व्याख्यान संपन्न
भोपाल, शब्दघोष। संस्कृत भारती मध्यप्रदेश द्वारा संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में ५ अगस्त को मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मेनिट) के सभागार में “संस्कृत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत जनों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ते हुए संस्कृत भाषा की वैज्ञानिक एवं तकनीकी महत्ता को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मेनिट की प्राध्यापिका सविता दीक्षित ने की। मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृतभारती के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्रीश देवपुजारी ने उद्बोधन दिया। उन्होंने अपने सारगर्भित भाषण में बताया कि प्राचीन भारत में गणित, खगोलशास्त्र, रसायन, धातुकर्म, आयुर्विज्ञान और स्थापत्य विज्ञान जैसे क्षेत्रों में जो प्रगति हुई थी, उसका मूल आधार संस्कृत ग्रंथों में विद्यमान है। उन्होंने चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, आर्यभटीय, लीलावती, यंत्रसर्वस्व, और बौधायन सूत्र जैसे ग्रंथों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि संस्कृत न केवल भाषा है, बल्कि एक ज्ञान प्रणाली (Knowledge System) का सशक्त माध्यम भी है।
संस्कृत भाषा की कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इसकी व्याकरणिक संरचना अत्यंत संगठित, तर्कसंगत और गणनात्मक है।
इस अवसर पर मेनिट के छात्र-छात्राओं द्वारा संस्कृत में लघु वैज्ञानिक संवाद भी प्रस्तुत किया गया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि संस्कृत आधुनिक विषयों की अभिव्यक्ति के लिए भी सक्षम है।
कार्यक्रम में भोपाल के विभिन्न विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, एवं शोध संस्थानों के प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के संयोजक डॉ बृजेश कुमार द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। संस्कृत भारती क्षेत्रीय संयोजक भरत बैरागी , प्रांत संगठन मंत्री डॉ जागेश्वर पटले व अन्य कार्यकर्ता गण कार्यक्रम में उपस्थित रहे ।
संस्कृत भारती के इस प्रयास को उपस्थित जनसमूह ने अत्यंत सराहा और यह अपेक्षा की गई कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से संस्कृत और विज्ञान का संवाद और अधिक प्रगाढ़ होगा।
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