जबलपुर के एक 56 वर्षीय महिला प्रोफेसर ने चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए अद्भुत कदम उठाया
शब्दघोष, जबलपुर : लोकसभा चुनाव के कारण, शासकीय कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों को भी निर्वाचन ड्यूटी (ELECTION DUTY) लगाई जाती है। इस दौरान, जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार सभी अवकाश रद्द किए जाते हैं। लेकिन एक अद्भुत मामला सामने आया, जिसने अधिकारियों को चौंका दिया। 56 वर्षीय एक महिला, जो कॉलेज में प्रोफेसर हैं, ने अपने विभाग को एक खास आवेदन किया। उन्होंने अपने अवकाश के लिए आवेदन के साथ यह जानकारी दी कि उन्हें कोरोना (Corona) पॉजीटिव होने की रिपोर्ट मिली है। इसके बाद, स्वास्थ विभाग के अधिकारी भी हैरान हो गए।
कोरोना ने मचाई हलचल कोरोना ने पूरे देश में हलचल मचाई थी और मध्य प्रदेश में यह पहला मामला था जबलपुर से। जबलपुर में लंबे समय तक कोई नया कोरोना मामला नहीं आया था, ऐसे में इस मामले ने लोगों को हिला दिया। जबलपुर के CMHO डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि एक कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट पोर्टल पर जारी की गई है, लेकिन इसकी सत्यता पर शक किया जा रहा है। क्योंकि इस टेस्ट की विधि ICMR की गाइडलाइन के अनुसार मान्य नहीं है।बंसल पैथोलॉजी ने सैंपल न भेजते हुए नियम विरुद्ध रिपोर्ट जारी की है जिस पर कार्यवाही की जाएगी। अब बंसल पैथोलॉजी पर कार्यवाही निश्चित है, लेकिन यदि महिला का RTPCR टेस्ट नेगेटिव आता है तो निर्वाचन ड्यूटी से बचने पर महिला प्रोफेसर पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने पहले ही ऐसे अधिकारी और कर्मचारीयों को निर्देश दिए हैं जो 6 महीने बाद सेवानिवृत्त (retired) हो रहे हैं, उनके नाम चुनावी ड्यूटी से हटाए जाने के। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पदस्थ करीब 72 हजार अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी भी चुनाव में नहीं लगाई जाएगी।
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