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मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना बनी सफेद हाथी

विधानसभा चुनाव से पहले योजना लॉन्च


शब्‍दघोष, भोपाल: मध्यप्रदेश में युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक है मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना, लेकिन यह योजना अब तक बड़े पर्दे पर सफलता नहीं पा रही है। इस योजना के तहत अब तक केवल 19 हजार युवाओं को ही रोजगार मिला है, जबकि योजना का लक्ष्य है कि प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए।

योजना को लेकर युवाओं की बड़ी उम्मीदें जुड़ी थीं, लेकिन अब तक योजना का कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिला है। बड़ी संख्या में युवा इस योजना के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। इसके कारण युवाओं में अब यह दुविधा उत्पन्न हो रही है कि क्या योजना केवल चुनावी वादों का हिस्सा है या फिर यह वास्तव में उनके लिए है।मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत प्रदेश के औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 46 सेक्टर के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में 30 हजार वैकेंसी निकाली गई हैं, लेकिन इसमें भी कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है।

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योजना के तहत स्वारोजगार से जुड़ने वाले युवाओं को स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाना था, लेकिन यहां भी विलम्ब हो रहा है। अब तक पांच माह बीत चुके हैं लेकिन स्वरोजगार से जुडऩे की संख्या 19 हजार तक ही पहुंची है, जबकि योजना के लिए 9.25 लाख युवाओं ने आवेदन किया है।यह योजना विधानसभा चुनाव से पहले लॉन्च की गई थी, जिसमें 12वीं से लेकर आईआईटी करने वाले युवाओं को स्वारोजगार से जोडऩे के लिए स्टाइपेंड सिस्टम लागू किया गया था। लेकिन अब तक यह योजना युवाओं के लिए उम्मीदों का साबित होने में विफल रही है।



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