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"कांग्रेस में राम भक्तों और सनातन संस्कृति को चाहने वालों के लिए कोई जगह नहीं": जयभान सिंह पवैया

भाजपा नेता ने राम मंदिर के न्योते को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला



भोपाल: कांग्रेस पार्टी में हुए एक और विवाद में, कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। इस निष्कासन के पीछे राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का आरोप लगा है, जिस पर महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम का निष्कासन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कांग्रेस में राम भक्तों और सनातन संस्कृति को चाहने वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है।


जयभान सिंह पवैया ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के निष्कासन को लेकर कहा, "कांग्रेस में अब राम भक्तों और सनातन संस्कृति को चाहने वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रमोद कृष्णम का अपराध सिर्फ इतना ही था कि उन्होंने राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने पर कांग्रेस हाइकमान को कहा था कि इस पर फिर से विचार करें।


उन्होंने यह भी राय दी कि कांग्रेस में राम भक्तों और सनातन संस्कृति को चाहने वालों के लिए अब कोई स्थान नहीं बचा है और इससे साफ हो रहा है कि पार्टी इस वर्ग के लोगों की भावनाओं का समर्थन नहीं करती है। जयभान सिंह पवैया ने कहा, "इसलिए मैं तो कहूंगा कि कांग्रेस में जो भी राम भक्त सनातनी है वो समय रहते अपने को (कांग्रेस पार्टी से) बाहर कर ले तो अच्छा रहेगा।"


आचार्य प्रमोद कृष्णम का निष्कासन कई विवादों के बीच हुआ है, जिसमें राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का मुद्दा सबसे अधिक चर्चा में रहा है। इससे उठे विवादों के बावजूद, प्रमोद कृष्णम का निष्कासन कांग्रेस पार्टी में राम भक्तों की प्रस्तुति को लेकर नई चुनौती पैदा कर सकता है। वे अब किसी और पार्टी का समर्थन कर सकते हैं, जिससे राजनीतिक स्थिति में बदलाव हो सकता है।


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