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Municipal दफ्तर के सामने अतिक्रमण, कारिंदो द्वारा अनजान होने का दिखावा

Municipal दफ्तर के सामने अतिक्रमण 
कारिंदो द्वारा अनजान होने का दिखावा 

भोपाल, शब्दघोष। ओल्ड सुभाष नगर में चारों ओर अतिक्रमण का आलम है। मकानों दुकानों के सामने अतिक्रमण करना यहां का रिवाज बन गया है। क्षेत्र के पार्षद हों या नगर निगम के कर्मचारी अधिकारी, सभी ने आंखें बंद कर रखी हैं। अति तो यह है कि ओल्ड सुभाष नगर के जोन कार्यालय के ठीक सामने भी डंके की चोट पर स्थाई अतिक्रमण हो रहे हैं। लेकिन अधिकारी कर्मचारी हैं कि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि बाकी जगहों पर अतिक्रमण की क्या सूरत होगी।
उल्लेखनीय है कि ओल्ड सुभाष नगर का नगर निगम जोन कार्यालय उस प्रमुख मार्ग पर स्थित है जो सुभाष फाटक क्षेत्र को रायसेन रोड से जोड़ता है। इस कार्यालय के चारों तरफ ऐसी कोई दिशा नहीं है जहां अतिक्रमण न हो और कार्यालय के बाहर खड़े होने पर जिम्मेदार अधिकारियों को दिखता ना हो। दावे के साथ लिखा जा रहा है कि यह अतिक्रमण इनकी आंखों के सामने होते हैं। फिर भी रोक-टोक ना करना उनकी ईमानदारी पर संदेह उत्पन्न करता है।
उदाहरण के लिए इस चित्र को अतिक्रमणकारियों की दबंगई और नगर निगम जोन कार्यालय की संदेहास्पद कार्यप्रणाली का बेहतर नमूना कहा जा सकता है। यह बेहतरीन और वैभवशाली निर्माण नगर निगम के ओल्ड सुभाष नगर जोन कार्यालय के ठीक बाजू में उत्तर पूर्व दिशा में किया गया है। यह आलीशान निर्माण हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए ईडब्ल्यूएस क्वार्टरों के ठीक कोने पर किया गया है। निर्माण की चतुर्सीमा से स्पष्ट होता है कि अतिक्रमणकारी इस बिल्डिंग में कोने वाले फ्लैट नुमा मकान का स्वामी है। अतिक्रमणकारी ने बिल्डिंग के दक्षिण पश्चिम भाग में उस जगह पर स्थाई निर्माण किया है जो इस बिल्डिंग में रहने वाले निवासियों के लिए साझा उपयोग हेतु हाउसिंग बोर्ड द्वारा छोड़ी गई थी।
जाहिर है यह निर्माण कुछ मिनटों और कुछ घंटों में तो नहीं हुआ। इसे आकार लेने में कई दिन लगे होंगे। आश्चर्य है, ठीक सामने स्थित नगर निगम के जोन कार्यालय के भारी भरकम स्टाफ को यह सब नजर ही नहीं आया! ना तब दिखा जब इसे बनाया गया और ना अब दिखाई दे रहा जबकि इस बंगलानुमा अवैध निर्माण का सौंदर्य इसे देखने वालों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस निर्माण को किराए पर उठाकर भारी भरकम आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। फिर भी जिम्मेदार लोग अनजान होने का नाटक कर रहे हैं।
आंखें फेर लेने की यही अदा नगर निगम कार्यालय की ईमानदारी और उसकी कर्तव्य निष्ठा पर संदेह पैदा करती है। इस कार्यालय के सूत्र दावा करते हैं, अतिक्रमणकारी की अधिकारियों से शानदार सेटिंग है।  यही वजह है कि आसपास के लोग लिखित शिकायत दर्ज करने से भी डरते हैं। इन्हें डर है, शिकायतकर्ता का नाम ओपन होने पर उसे परेशान और आतंकित किया जा सकता है। स्थानीय वाशिंदों की मांग है कि ओल्ड सुभाष नगर में व्याप्त इस तरह के अवैध निर्माण तत्काल प्रभाव से तोड़े जाएं। ताकि दिनों दिन संकीर्ण होते जा रहे क्षेत्र को उसके वास्तविक स्वरूप में वापस लाया जा सके।
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