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CAA पर अधिसूचना जारी। नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू, Modi government का master stroke



शब्दघोष नई दिल्ली: मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने के लिए नियम जारी कर दिए हैं। इन नियमों के तहत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, इन लोगों को नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन में उन्हें अपना नाम, जन्म तिथि, धर्म, राष्ट्रीयता, भारत में प्रवेश की तारीख और अन्य संबंधित जानकारी देनी होगी।

आवेदकों को किसी भी दस्तावेज को जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि वे भारत के प्रति वफादार हैं और उन्होंने किसी भी आपराधिक गतिविधि में भाग नहीं लिया है। गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया है। यह पोर्टल 10 मार्च, 2024 से खोला जाएगा।

सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्रता:
  • आवेदक पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी या ईसाई धर्म का अनुयायी होना चाहिए।
  • आवेदक 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुका होना चाहिए।
  • आवेदक को भारत के प्रति वफादार होना चाहिए और उसने किसी भी आपराधिक गतिविधि में भाग नहीं लिया होना चाहिए।
  • सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया:
  • आवेदक को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
  • आवेदन में अपना नाम, जन्म तिथि, धर्म, राष्ट्रीयता, भारत में प्रवेश की तारीख और अन्य संबंधित जानकारी देनी होगी।
  • आवेदक को यह घोषणा करनी होगी कि वे भारत के प्रति वफादार हैं और उन्होंने किसी भी आपराधिक गतिविधि में भाग नहीं लिया है।
  • आवेदन के बाद, गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा।
  • यदि आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो आवेदक को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

सीएए CAA के महत्व:

सीएए CAAको भारत में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण कानून माना जाता है। यह कानून इन लोगों को भारत की नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार देता है, जो उन्हें भारत में बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। सीएए के लागू होने के बाद से ही कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का तर्क है कि यह कानून मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि सीएए किसी भी धर्म के लोगों के साथ भेदभाव नहीं करता है और इसका उद्देश्य केवल उन लोगों को नागरिकता प्रदान करना है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हैं। वहीं भारत सरकार के अनुसार सीएए भारत में रहने वाले शरणार्थी  हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। यह कानून इन लोगों को भारत की नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार देता है, जो उन्हें भारत में बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा।




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