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राष्ट्र संत आचार्यश्री विद्यासागर नहीं रहे, डोंगरगढ़ में ली समाधि

 राष्ट्र संत आचार्यश्री विद्यासागर की प्रेरणा से बन रहा भव्य जैन मंदिर


शब्‍दघोष,भोपाल : भारतीय साहित्य, दर्शन और धर्म के प्रमुख प्रतिष्ठानों में से एक रहे आचार्यश्री विद्यासागर के अद्वितीय जीवन के बाद, उनकी प्रेरणा से भव्य जैन मंदिर का निर्माण हो रहा है। भोपाल में स्थित हबीबगंज जैन मंदिर का निर्माण आचार्यश्री की महासमाधि के बाद हुआ है।

तीन बार भोपाल आए थे आचार्य विद्यासागर, वर्ष 2016 में किया था चातुर्मास आचार्य विद्यासागर ने अपने जीवन के तीन बार भोपाल का दौरा किया था। सबसे पहली बार उन्होंने वर्ष 2000 में टीटी नगर जिनालय के पंचकल्याणक महोत्सव में भोपाल आए थे। उन्होंने इस महोत्सव के दौरान धार्मिक उपदेश दिया और नई पीढ़ी को नशा न करने की अपील की।

आचार्य विद्यासागर का चातुर्मास भोपाल मे उनका दूसरा आगमन वर्ष 2003 में हुआ था, जब उन्होंने भोपाल को 20 दिनों के चातुर्मास के दौरान आगमन किया। इस अवसर पर उन्होंने शहरवासियों को धर्मिक और सामाजिक मुद्दों पर विचारविमर्श किया और उन्होंने नई पीढ़ी को भारत के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा दी।

आचार्यश्री का चातुर्मास में एमपीनगर जोन-दो हबीबगंज जैन मंदिर में आगमन वर्ष 2016 में, आचार्यश्री ने एमपीनगर जोन के हबीबगंज जैन मंदिर में चातुर्मास मनाया। इस दौरान उन्होंने धार्मिक उपदेशों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कमल नाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता भी मिले।

मूक माटी महाकाव्य की रचना आचार्यश्री विद्यासागर ने अपने जीवनकाल में 'मूक माटी महाकाव्य' नामक महाकाव्य की रचना की। इसमें उन्होंने धर्म, मोक्ष, जीवन के उद्देश्य आदि के विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

आचार्यश्री की प्रेरणा से बन रहा हबीबगंज जैन मंदिर आचार्यश्री विद्यासागर की महासमाधि के बाद, उनकी प्रेरणा से भोपाल में हबीबगंज जैन मंदिर बन रहा है। यह मंदिर उम्मीद है कि भारत के प्रमुख मंदिरों में शामिल होगा और इसका निर्माण 100 करोड़ रुपये से हो रहा है।

आचार्यश्री विद्यासागर की प्रेरणा से बन रहे इस मंदिर का निर्माण पूरे देश में उनके शिष्यों और भक्तों के समर्थन में हो रहा है और यह एक भव्य धार्मिक स्थल बनने का दृष्टिकोण रखता है।


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