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निरंतर परिवर्तन और नवाचार ही शिक्षा का भविष्य : श्रीवत्स जयपुरिया

 

जयपुरिया इंस्टीट्यूट, शिक्षा, परिवर्तन, नवाचार, डेटा-आधारित निर्णय, निदेशक श्रीवत्स जयपुरिया, डॉ. दीपांकर चक्रवर्ती


शब्‍दघोष, जयपुर, 17 मई - शिक्षा में निरंतर परिवर्तन और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है, यह विचार जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक श्रीवत्स जयपुरिया द्वारा उक्तियों का दिया गया है। हाल ही में जयपुरिया इंस्टीट्यूट ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में अपना पैन जयपुरिया स्टाफ डवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया।
इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य था प्रतिभागियों के बीच सहयोग, आजीवन सीखने, और नवाचार को बढ़ावा देना। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उच्च प्रोफाइल कई व्यक्तित्वों ने भाग लिया। यहां तक कि इस कार्यक्रम में उपस्थित व्यक्तियों ने अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया।

विभिन्न सत्रों में डॉ. प्रभात पंकज ने मनोवैज्ञानिक कल्याण और जयपुरिया की रणनीतिक योजना पर विचार रखे। उन्होंने साझा किया कि कैसे मनोवैज्ञानिक कल्याण सकारात्मक संबंधों, आत्म-स्वीकृति, उद्देश्य की भावना, व्यक्तिगत विकास, स्वायत्तता और क्षमता से जुड़ा हुआ है।एक और बड़ा अध्ययन आईआईएम ने दिखाया कि अच्छे शिक्षा के लिए एक अच्छा शिक्षक जरूरी है। शिक्षक न सिर्फ अपने छात्रों को पढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें सही दिशा में गाइड करते हैं।

इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण विषय पर डॉ. दीपांकर चक्रवर्ती ने डेटा-आधारित निर्णय लेने पर सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने एक बहुत ही संरचित तरीके से डेटा-आधारित प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता का प्रदर्शन किया।यह कार्यक्रम न केवल एक सफलता है, बल्कि शिक्षा में नवाचार और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने का एक प्रमुख उदाहरण भी है।


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