शब्दघोष उज्जैन। धर्म और ज्योतिष क्षेत्र में कार्यरत अनेक धर्मावलंबियों का मानना है कि संभव है बाबा महाकाल के पूजा पाठ अथवा व्यवस्था संबंधी देखभाल में पुजारियों से कोई चूक हो गई हो तथा उसे जानबूझकर नजर अंदाज कर दिया गया हो। इसी वजह से यह दैवीय संकेत घटित होता नजर आता है। जानकारों का मानना है कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बाबा महाकाल के गर्भ ग्रह में घटित इस घटना को गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता है। आज सुबह भस्म आरती के दौरान उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के गर्भ ग्रह में अचानक आग भड़क उठी और उसमें 14 लोग बुरी तरह झुलस गए। संतोष की बात यह है कि सभी खतरे से बाहर बताए गए हैं। इनमें से नौ लोगों को इंदौर भी रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव स्वयं घटना के वक्त मंदिर परिसर में अपने परिवार सहित मौजूद थे। उन्होंने होली उत्सव संबंधी अपने सभी प्रोग्राम रद्द करते हुए पुजारियों के इलाज पर फोकस बनाए रखा है। इस बाबत देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे हाल-चाल जाने हैं और घायलों को हर संभव इलाज शासन स्तर पर मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और सभी के स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना की है। जानकार लोग बताते हैं कि महाकाल लोक परिसर में यदा कदा भक्तों का आर्थिक शोषण किए जाने औरउनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार किए जाने की घटना सामने आती रहती हैं। व्हीआईपी दर्शनों की व्यवस्था में भी अनेक बार आर्थिक हितों को लेकर आपत्तिजनक खबरें मीडिया में आती रही हैं। भगवान के नाम पर इस तरह की घटनाओं का बार-बार बाहर आना और फिर इन्हें गंभीरता से ना लिया जाना एक प्रकार से ईश्वर को अनदेखा किया जाने के रूप में माना जा सकता है। इन सभी ने बाबा महाकाल से कामना की है कि ईश्वर पुजारियों की जाने अनजाने हुई भूल-चूक को क्षमा करें। वही पुजारी से यह उम्मीद जताई है कि वे बाबा महाकाल की सेवा में और अधिक सुचिता एवं पवित्रता का व्यवहार अपनाएंगे।
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