बेहद दिलचस्प कंटेंट - जरूर देखिए -
पुरुषार्थ शेष है तो तत्काल इस्तीफे दें विपक्षी सांसद
https://youtu.be/s8Dz2s-_1rw?si=l5YdFObUK-NmiZKH
बाद में अब जांच 2011-12 में हुए भुगतान की भी शुरू हो गयी है। आशंका है कि घोटाला 84 करोड़ 92 लाख तक पहुंच सकता है। क्राइम ब्रांच डीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज होने पर पुलिस को 2018-19 से 2023-24 के बीच के बिल की कॉपी, स्वीकृति आदेश और फर्म की डिटेल की जरूरत है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम रोज पीएचई के दफ्तर पहुंच रही है। यहां क्राइम ब्रांच पुलिस की जांच में अलग-अलग तरह के आइटम सप्लाई करने वाली 25 फर्म और 45 खातेदार, जिनमें कुछ कर्मचारी के नाम सामने आये हैं। अब घोटाले में इनकी क्या भूमिका है, इसकी जांच के बाद पुलिस इनके खिलाफ भी में रिपोर्ट दर्ज कर सकती है। वही संयुक्त संचालक वित्त ने अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस मामले में अंतिम रिपोर्ट अगले एक सप्ताह में वरिष्ठ अफसरों को सौंप दी जाएगी।
#Gwalior #municipal #corporation #Mayor #mahapaur #PHE #bil ghotala #bill scam #corruption #CBI #crime #crime branch #executive Engineer #ee #DSP #Nagendra Singh #bank account
0 टिप्पणियाँ