कोरोना को हराने की प्लाज्मा तैयारी
भोपाल । कोरोना को रोकने में लगातार कामयाब हो रही प्लाज्मा थेरेपी संभवत भोपाल में भी शुरू हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज और शहर के चिरायु मेडिकल कॉलेज ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल की इजाज़त मांगी है। अनुमान है कि 2 से 3 दिन के भीतर ICMR इस बारे में कोई फैसला ले सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर उसने हामी भर दी तो ये मेडिकल कॉलेज प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल करेंगे और अगर सफलता मिली तो कोरोना पीड़ितों का इससे इलाज शुरू किया जा सकता है।
अभी देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही इसके ट्रायल को ICMR ने मंजूरी दी है। चिरायु मेडिकल कॉलेज में 200 से ज्यादा कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया था। इसमें से 135 मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं। इसलिए इन मरीजों पर ट्रायल आसानी से हो सकेगा। पता चला है कि गांधी मेडिकल कॉलेज में भी मंजूरी मिलने के बाद ट्रायल शुरू किया जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस से पीड़ित जो मरीज़ ठीक हो जाते हैं, उनके शरीर में कोरोना वायरस के प्रति एंटी बॉडी बन जाती है।
ऐसे लोगों के शरीर से प्लाज्मा यानी खून का तत्व लेकर उसे कोरोना पीड़ित मरीज़ के शरीर में डाला जाता है। इससे पीड़ित मरीज़ के खून में भी कोरोना वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है और उसके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।जेपी प्लाज्मा देने वाले व्यक्ति के शरीर को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती। वह पूर्णतया स्वस्थ बना रहता है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे मरीजों को काफी फायदा होगा। हालांकि ट्रायल पूरा होने के बाद ही पता चल पाएगा कि दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल इसमें कहां तक सफल हो पाते हैं।