सुरक्षा अधिनियम के तहत नोटिस जारी, 20 तारीख तक की मोहलत
दलित वर्ग के दंपत्ति द्वारा जहर खाने के मामले को लेकर गुना के जिला प्रशासन की गब्बू पारदी पर टेड़ी नजर हो गई है। वहां के जिला दंडाधिकारी ने सुरक्षा अधिनियम के तहत गब्बू पारदी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए 20 तारीख तक की मोहलत दी गई है। चेतावनी के साथ ताकीद किया गया है कि तय अवधि में जवाब नहीं मिला तो एक पक्षीय कार्यवाही तय है।
भोपाल। अतिक्रमण विरोधी मुहिम के दौरान एक दलित दंपत्ति द्वारा जहर खा लिए जाने से गुना जिला राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। बताया जाता है कि जिस जमीन को लेकर ये बखेड़ा खड़ा हुआ, वो दलित दंपत्ति को गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर खेती करने के लिए दी गई थी। जबकि उक्त जमीन का मामला उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में विचाराधीन है। अब जब सभी ओर से गब्बू का नाम सामने आने लगा है तो जिला प्रशासन ने उस ओर घेराबंदी की पहल कर दी है।
गब्बू पारदी को नोटिस जारी किया गया है। बताया गया है कि गब्बू हत्या, हत्या के प्रयास, हत्या की धमकी, मारपीट, बलवा, छेड़छाड़, शासकीय कार्य में बाधा जैसे अनेक अपराधों में संलग्र है। इसके आतंक की वजह से कोई भी गब्बू की शिकायत नहीं करता। उसके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीे करता। अदालत ने भी भारतीय दंड विधान की धाराओं के खिलाफ कार्यवाही की, लेकिन गब्बू का आपराधिक गतिविधियों से नाता जारी है।
ऐसे में जिला दंडाधिकारी ने राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के तहत धारा 8 (1) के तहत कार्यवाही को नोटिस जारी किया है। इसका जवाब देने के लिए 20 जुलाई तक की मोहलत दी गई है। यदि निश्चित अवधि तक जवाब नहीं मिला तो कार्यवाही एक पक्षीय होना तय है। जिला प्रशासन की ओर से गब्बू पर प्रचलित धरनावदा, गुना, केंट थानों में दर्ज 16 अपराधों की सूची भी जारी की गई है।
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